अमीर बनना है तो फाइनेंसियल एजुकेशन सीखें !
अमीर पैसे से मोहब्बत करते है, वे पैसा कैसे कमाया जाता है, बचाया जाता और बढ़ाया जाता है ये
सीखने और समझने के लिए वक्त देते है, मेहनत करते है यानि फाइनेंसियल एजुकेशन सीखते है जो
तीसरी तरह की शिक्षा पद्धति है .जबकि आम आदमी अमूनन पहली- अकादमिक एजुकेशन(साधारण
पढाई-लिखाई) और दूसरी प्रोफेशनल एजुकेशन (व्यावसायिक शिक्षा - जैसे फर्नीचर बनाना, टाइपिंग
सीखना वगैरह ) ही सीखता है वो फाइनेंसियल एजुकेशन के नाम पर पुराने ज़माने के कुंद पड़े
हथियारों के बारे में जानकारी करता है -जैसे बैंक अफ/डी , आर/डी , सेविंग आदि . और मुद्रा स्फीति
की बढ़ती दर के ज़माने में अधूरी जानकारी की वजह से वो अपनी पूँजी को फांसी का फंदा पहनाता
रहता है.
अमीर बनना है तो फाइनेंसियल एजुकेशन सीखें .
सीखने और समझने के लिए वक्त देते है, मेहनत करते है यानि फाइनेंसियल एजुकेशन सीखते है जो
तीसरी तरह की शिक्षा पद्धति है .जबकि आम आदमी अमूनन पहली- अकादमिक एजुकेशन(साधारण
पढाई-लिखाई) और दूसरी प्रोफेशनल एजुकेशन (व्यावसायिक शिक्षा - जैसे फर्नीचर बनाना, टाइपिंग
सीखना वगैरह ) ही सीखता है वो फाइनेंसियल एजुकेशन के नाम पर पुराने ज़माने के कुंद पड़े
हथियारों के बारे में जानकारी करता है -जैसे बैंक अफ/डी , आर/डी , सेविंग आदि . और मुद्रा स्फीति
की बढ़ती दर के ज़माने में अधूरी जानकारी की वजह से वो अपनी पूँजी को फांसी का फंदा पहनाता
रहता है.
अमीर बनना है तो फाइनेंसियल एजुकेशन सीखें .
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