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Showing posts from July, 2017

गलतियां हर इंसान करता है - अगर वो ज़िंदा है तो !

लेकिन फर्क इससे पड़ता है कि आपने उन गलतियों पर प्रतिक्रिया क्या और कैसे की है ,आपने गलती होने के बाद अपना माथा पीटा है या उन गलतियों से सबक लिया है .आपने आगे से कोई गलती न हो जाए इस डर से चलना ही बंद कर दिया है या बार-बार गलती कर कर, गिर-गिर कर साईकिल चलाना सीख लिया है . अगर आपने साईकिल चलाना सीख लिया है तो जाहिर सी बात ह ै उन दिनों आपके अंदर कोई एक आग जल रही थी ,कोई एक लगन लगी थी जो बार-बार गिरने ,चोट लगने के डर से ज्यादा ताकतवर थी . और अगर आपने नहीं सीखा है तो इसकी वजह ये नहीं थी कि साइकिल लम्बी थी या पेडल तक आपके पैर नहीं पहुँच पा रहे थे या पीछे से पकड़ने वाला सही नहीं था या आपको सिखानेवाला कोई भी नहीं था बल्कि असली वजह ये थी कि आपमें वो आग ही नहीं थी ,वो लगन ही नहीं थी जो आपको साइकिल चलाना सिखवा दे . तीन साल पुरानी घटना याद आती है ,रात को एक बजे ठक -ठक  की आवाज़ आ रही थी मैंने जानकारी की तो पता चला कपूर साहब का लड़का क्रिकेट सीख रहा है ,रात को एक बजे अपने किसी दोस्त के साथ वो डिफेन्स की प्रैक्टिस कर रहा था ,इस साल वो अपने स्टेट की तरफ से खेल रहा है -इसे आग कहते है ,इसे लगन कहते है ,इस

तुम्हे अपनी मुश्किलें छोटी लगेगी और विश्वास होने लगेगा कि मैं अब भी जीत सकता हूँ

ज़िन्दगी जब मुश्किल हो जाये ,इतनी मुश्किल कि तुम हौंसला हारने लगो तो गौर करना और देखना डूबते हुए सूरज को कल वो वापिस लौटेगा कुछ सुस्ताने के बाद ,नए सिरे से इस संसार को रोशन करने ; तो गौर करना और महसूस करना जिस्म से छूटती हुई सांस को , वो छोड़ी इसलिए जाती है कि कार्बन डाई ऑक्साइड निकाल सके और नई ऊर्जा के लिए ऑक्सीजन ले सके . ज़माने में कुछ ऐसे लोग थे जिन पर तुम्हे अटूट भरोसा था और वे तुम्हारे इस मुश्किल दौर में तुम्हारे साथ नहीं थे ( अच्छा हुआ कार्बन डा ई ऑक्साइड निकल गई - वे तुम्हारी ज़िन्दगी के बैरियर थे ) लेकिन कुछ ऐसे लोग भी थे जिनसे तुम्हे कोई उम्मीद नहीं थी फिर भी वे जाने- अनजाने तुम्हारे साथ खड़े थे . और शुक्रिया अदा करना नीली छतरी वाले का कि उसने तुम्हे मौका दिया अपने पंख पसारने का, तुम्हारे अनुभव के संसार को समृद्ध करने का , असली और नकली की पहचान करने का ,बंद अँधेरे विश्वास की गलियों में भटकते मन में उजाला भरने का ,और शुक्रिया अदा करना उन साथियों के लिए जो मुश्किलों के दौर में तुम्हारे साथ खड़े थे कुछ पुराने और कुछ नए साथी .  तुम अपनी ज़िन्दगी की मुश्किलें मत देखना वो उपलब्धियां देखन

ज़िन्दगी को गलत नंबर के चश्मे से मत देखिये

हो सकता है ये छोटा सा नज़र आने वाला अवसर ही बड़ा अवसर हो और आप  इस ताक में बैठे हो  कि कोई बड़ा अवसर मिले और मेरे वारे- न्यारे हो जाये . अगर गौर करें तो अवसर सिर्फ एक तटस्थता भरी परिस्थिति  है वे आपके प्रयास है जो इनमे रंग भरते है या इन्हे बदरंग करते है जिस तरह एग्जामिनेशन हॉल में मिला हुआ पेपर एक तटस्थता भर है आपके प्रयास अगर उचित स्तर के है तो आपके सामने ये बेहतरीन अवसर है अन्यथा ये एक छोटा अवसर था जिसे आपने कोई ईज्जत नहीं दी और बदले में आपकी बेईज्जती हो गई !! क्या ज़िन्दगी में आपकी  हर समस्या के साथ यही नहीं हो रहा है ? आप बाहर को सुधारने की कोशिश कर रहे है ,या ये उम्मीद कर रहे है कि बाहर सुधर जायेगा और आपके लिए बेहतरीन अवसर पैदा करेगा - आपके अंदर क्या है आप इसे जानना और समझना  ही नहीं चाहते . ये जानिये और समझिए  जब तक आप अंदर से काबिल नहीं बनेंगे बाहर चाहे जितने बड़े अवसर हो आप नाकाम ही रहेंगे . सचिन तेंदुलकर के लिए जो शॉट आसान है आपके लिए वो मुश्किल है इसकी वजह "बॉल मुश्किल थी" नहीं है बल्कि ये है कि सचिन की तैयारी अंदर से  है जिसे उसने लगातार के अभ्यास से हासिल किया है और आ

अमीर बनना है तो फाइनेंसियल एजुकेशन सीखें !

अमीर पैसे से मोहब्बत करते है, वे पैसा कैसे कमाया जाता है, बचाया  जाता और बढ़ाया जाता है ये  सीखने और समझने के लिए वक्त देते है,  मेहनत करते है यानि फाइनेंसियल एजुकेशन सीखते है जो  तीसरी तरह  की शिक्षा पद्धति है .ज बकि आम आदमी अमूनन पहली- अकादमिक  एजुकेशन(साधारण  पढाई-लिखाई) और दूसरी प्रोफेशनल एजुकेशन  (व्यावसायिक शिक्षा - जैसे फर्नीचर बनाना, टाइपिंग  सीखना वगैरह ) ही  सीखता है वो फाइनेंसियल एजुकेशन के नाम पर पुराने ज़माने के कुंद पड़े  हथियारों  के बारे में जानकारी करता है -जैसे बैंक अफ/डी , आर/डी ,  सेविंग आदि . और मुद्रा स्फीति  की  बढ़ती दर के ज़माने में अधूरी  जानकारी की वजह से वो अपनी पूँजी को फांसी का फंदा पहनाता रहता  है. अमीर बनना है तो फाइनेंसियल एजुकेशन सीखें .

अमीर बनने के लिए पहले एक कारण, एक सपना पैदा कीजिये जो आपको पागल कर सके !

अमीर बनने के लिए आपके पास एक ठोस कारण  होना चाहिए जो  आप में  इतनी आग पैदा कर सके  कि  आप मंज़िल पा सके . मंज़िल दूर नहीं है  सिर्फ एक बेहतरीन प्लानिंग करकर शुरुआत भर करनी है,  बाकि सब  अपने आप होता जायेगा - आपका कारण,आपका सपना आपसे करवा  लेगा. अगर आपके पास ऐसा कोई कारण नहीं है जो आपको अमीर बनने  की  प्रेरणा दे सके तो आपको इतना बता दूँ  अमीर  बनने में बहुत-बहुत  ज्यादा मेहनत होती है , मंज़िल तक ले जाने वाली सड़क बहुत उबड़- खाबड़ है उसमें ढेरों गड्ढे है और सफलता की सम्भावना भी न के बराबर  है. तो बेहतर है पहले एक कारण, एक सपना  पैदा कीजिये जो आपको  पागल कर सके ,जो आपके होश उड़ा सके , तब इस खेल में शामिल  होइए .

सही या गलत -निर्णय आपका !

जब भी आपके हाथ में पैसे आते है , आप उस पैसे के साथ क्या   करते है ये निर्णय ही आपको अमीर या गरीब बनाता है . अमीर  बिलम्ब से संतुष्टि पाने में यकीन करता है अगर उसे बड़ी ख़ुशी  की  सम्भावना नज़र आये तोऐसी स्थिति में वो उस पैसे को खर्च  करने  की बजाय कही इन्वेस्ट करता है और अगर तत्काल उसे ऐसी कोई  सम्भावना नज़र न आये तो उस पैसे को सेव करता है  सम्भाल कर रखता है.  जबकि गरीब  को तत्काल संतु ष्टि  चाहिए होती है ,  अपनी छोटी-छोटी खुशियों से उसे इतना प्यार  होता है कि उन्हें पूरा करने के लिए वो अपनी बड़ी खुशियों को  दांव  पर लगा देता है.   आपके पास हमेशा विकल्प होते है  , सही  चुनाव  ही आपको अमीर या गरीब बनाता है .